इस लेख के माध्यम से हम आपको जानकारी देंगे कि आपको अपनी लेखनी को किताब का रूप देने में किन बातों पर विशेष ध्यान देना है।
01:- प्रकाशक खोजें
परम्परात प्रकासकों की मनमानी के कारण आज कल लेखक गैरपरंपरागत प्रकाशकों की ओर रुख कर रहे हैं जहां आप ईबुक के रूप में किताब छाप सकते हैं जिनमे कुछ प्लेटफार्म (shabd.in) ऐसे भी हैं जहां आप ईबुक को खुद से ही पेपरबैक में ऑर्डर कर सकते हैं। ईबुक लिखना काफी आसान होता है और आप घर बैठे आसानी से अपनी किताब प्रकाशित करवा सकते हैं।
02:- प्रकाशक की रुचि से बचाव
यदि आप नए लेखक हैं तो परम्परागत प्रकाशक आपकी पुस्तक में पैसा नही लगाएगा ऐसे में परेशान मत होइए वर्तमान में कई गैर पारंपरिक अर्थात ऑनलाइन प्रकाशन के लिए कुछ वेबसाइटें आपके लेखन की क्वालिटी की जांच करती है ,उन जगहों पर आप अपने लेख को प्रकाशित करवा सकते हैं। इन्हीं कारणों से वजह से मनमानी करने वाले प्रकाशक अब धीरे धीरे कम होते जा रहे औऱ परम्परागत प्रकाशक भी नए लेखकों पर ध्यान दे रहे हैं।03:- प्रूफ रीडिंग
किसी भी प्रकार की पुस्तक को प्रकाशित करने से पूर्व उसके त्रुटियों को दूर करना अति आवश्यक होता है। यह कार्य प्रूफ्रीडिंग के माध्यम से संभव है।
यह दोनों प्रकार के प्रकाशन में आवश्यक है। क्योकि अधिकाशतः अपने द्वारा की गई मात्राओं की छोटी गलती नही नज़र आती अतः प्रूफ रीडिंग अतिआवश्यक होती है ।
04:- कमीशन की सही जानकारी
आजकल हर लेखक पैसे कमाने के लिए लिख रहा ऐसे में अपनी किताब छपवाते समय ऑनलाइन में ऑफ लाइन से कहीं ज्यादा कमीशन मिलता है। सबसे ज्यादा कमीशन देने में shabd.in 80% अमेज़न किंडल 70% हैं(कमीशन ईबुक की प्राइस के हैं)। वहीं परम्परागत प्रशासक आपको महज 10 से 15% की रॉयल्टी देते हैं।05:- बिक्री की समस्या
किताब छपने के बाद उसका बिकना भी महत्वपूर्ण है ऑनलाइन प्रकाशन में इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आप आसानी से ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अपनो पुस्तक बेच सकते हैं।
अतः मेरी सलाह के अनुसार आपको हर तरह के प्रकाशकों से सम्पर्क करना चाहिए और ऊपर के पांचों बिदुओं पर ध्यान देकर अपनी किताब छपवानी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें