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शुक्रवार, 6 मई 2022

मदर्स डे पर कुछ विचार




मातृ दिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। एक बच्चे की परवरिश करने में माताओं द्वारा सहन की जाने वाली कठिनाइयों के लिए आभार व्यक्त करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी मां को ग्रीटिंग कार्ड और उपहार देते हैं। कवि रॉबर्ट ब्राउनिंग ने मातृत्व को परिभाषित करते हुए कहा है- सभी प्रकार के प्रेम का आदि उद्गम स्थल मातृत्व है और प्रेम के सभी रूप इसी मातृत्व में समाहित हो जाते हैं। प्रेम एक मधुर, गहन, अपूर्व अनुभूति है लेकिन शिशु के प्रति मां का प्रेम एक स्वर्गीय अनुभूति है।

‘मां!’यह वो अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम-रोम पुलकित हो उठता है। हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनोःमस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। ‘मां’वो अमोघ मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता है। ‘मां’ की ममता और उसके आंचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है, जिसने आपको और आपके परिवार को आदर्श संस्कार दिए। उनके दिए गए संस्कार ही मेरी दृष्टि में आपकी मूल थाती है, जो हर मां की मूल पहचान होती है।



कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?


संसार महान् व्यक्तियों के बिना रह सकता है, लेकिन मां के बिना रहना एक अभिशाप की तरह है, इसलिए संसार मां का महिमामंडन करता है, उसके गुणगान करता है, इसके लिए मदर्स डे, मातृ दिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें दिन निर्धारित है। अमेरिका में मदर्स डे की शुरुआत 20वीं शताब्दी के आरंभ के दौर में हुई। विश्व के विभिन्न भागों में यह अलग-अलग दिन मनाया जाता है।



मदर्ड डे का इतिहास करीब 400 वर्ष पुराना है। प्राचीन ग्रीक और रोमन इतिहास में मदर्स डे मनाने का उल्लेख है। भारतीय संस्कृति में मां के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा रही है, लेकिन आज आधुनिक दौर में जिस तरह से मदर्स डे मनाया जा रहा है, उसका इतिहास भारत में बहुत पुराना नहीं है। इसके बावजूद दो-तीन दशक से भी कम समय में भारत में मदर्स डे काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

सर्वप्रथम Mothers Day किसके द्वारा मनाया गया ?




Mothers day सर्वप्रथम अमेरिका में Julia Ward Howe के द्वारा मनाया गया था। 1870 में हॉवेन द्वारा रचित "मदर्स डे प्रोक्लेमेशन" में अमेरिकी गृहयुद्ध में नरसंहार पर शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी।

यह उद्घोषणा होवे की नारीवाद की मान्यता थी, जिसके तहत महिलाओं और माताओं को अपने समाज और उसकी परंपरा को एक नया आकार देने के लिए राजनीतिक स्तर पर पूरी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

अंतिम शब्द,


माँ का प्यार सागर से गहरा और आसमान से ऊंचा होता है। माँ का आँचल धरती से भी बड़ा होता है। खुशनसीब है वो लोग जिन्हें माँ का प्यार मिल रहा है। इसलिए माँ के प्रति अपनी भावनाओं को इस mothers day के मौके पर खुलकर व्यक्त कर दें ताकि आपकी माँ को खुशी मिल सके।




मदर्स डे 2022 पर अपनी मां के लिए कुछ खास करें और उन्हें अहसास कराएं कि आप उनके अच्छे बेटे हैं। अपनी मां को कोई अच्छा उपहार दें और उन्हें खुश रखें।

गुरुवार, 5 मई 2022

बुक लिस्टिंग और उसके फायदे

दोस्तों हाल ही में आपने न्यूज़ पेपर में देखा होगा कि shabd.in ने बुक लिस्टिंग चालू की है जिसको लेकर लोगो मे काफ़ी उत्साह देखने को मिला क्योकि अधिकतर बुक लिस्टिंग कंपनियां विदेशी है। पर सबके मन मे यह सवाल जरूर आ रहा है कि ये बुक लिस्टिंग है क्या?






ई कॉमर्स ने लाइफ स्टाइल इतना आसान कर दिया कि आप घर बैठे अपने सामान को सेल भी कर सकते हैं उसी क्रम में आप अपनी किसी भी प्रकाशक से छपी पेपरबैक किताब को कुछ ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर लिस्ट करके सेल बढा सकते हैं।



क्या है बुक लिस्टिंग







अपने प्रोडक्ट की सेल बढ़ाने के लिए उसको कई जगह बिक्री के लिए उपलब्ध कराना ही लिस्टिंग का सामान्य अर्थ है। किताबें जो सामान्यतः काफी कम खरीदी जाती है क्योंकि अगर आप नामी लेखक नही है तो लोग आपकी पुस्तक कब प्रकाशित हुई नही जान पाते और सेल न के बराबर रह जाती है।



बुक लिस्टिंग के फायदे

बुक लिस्टिंग के कई फायदे हैं

1 ज्यादा लोगो तक आपकी किताब की जानकारी

2 बुक पर समीक्षाओं का आना

3 सेल के मौके बढ़ना

4 लेखक के तौर पर नए आयाम स्थापित करना।

कुछ प्रमुख बुक लिस्टिंग प्लेटफार्म


अमेज़न किंडल

फ्लिपकार्ट

Shabd.in


तो आप समझ सकते हैं बुक लिस्टिंग आपकी किताब की सेल में उत्प्रेरक की तरह काम करती है फिर वह मौका भारतीय कम्पनी को दिया जाए तो सोने पर सुहागा।

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

हिंदी साहित्य की अनुवाद विधा और उसमे आने वाली समस्याएं

अनुवाद हिंदी साहित्य की विधाओं में एक प्रमुख और काफी कठिन विधा है ।

क्या है अनुवाद :-

सामान्यतः एक भाषा में लिखी जानकारी को दूसरी भाषा मे सार्थक परिवर्तन अनुवाद कहलाता है। अनुवाद अनु और वाद दो शब्दों से बना है जिसका अर्थ है किसी कथन को पुनः कहना।

अनुवादक





इस कार्य को करने वाले को अनुवादक कहते हैं। अनुवादक एक व्यक्ति या एक मशीन भी हो सकती है पर अच्छा अनुवादक एक व्यक्ति ही हो सकता क्योंकि मशीन भावनात्मक अनुवाद नही कर सकती।



एक अच्छा अनुवादक बनने के लिए निन्म गुणों का होना अतिआवश्यक है

1 मूल भाषा से जिस भाषा मे अनुवाद होना हो दोनों की अच्छी जानकारी होना अतिआवश्यक है।

2 अनुवादित विषय के बारे में जानकारी होना अतिआवश्यक है।

कठिनाइयां





अनुवाद का कार्य देखने या सुनने में भले आसान लगता हो पर वास्तविकता में यह बहुत कठिन है । एक छोटी सी चूक अर्थ को अनर्थ कर देती है

1 आज कल मशीन द्वारा अनुवाद किया जा रहा जो भावनाओ को दूसरी भाषा मे व्यक्त नही कर सकती है

2 किसी भी एक भाषा (जिसमे साहित्य हो और जिसमे अनुवाद होना हो) का कम ज्ञान होने पर अनुवादक मूल अर्थ से भटक जाता है ।

3 जिस विषय का अनुवाद होना है उसकी कम जानकारी अच्छे शब्दों के चयन से वंचित कर देती है।



रामायण और महाभारत ऐसे ग्रंथ हैं जिसका सबसे ज्यादा अनुवाद किया गया है।

मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

अपनी ईबुक की मार्केटिंग करने के आसान तरीके

दोस्तों बदलते युग के साथ किताबें भी पेपरबैक से डिजिटल फॉर्मेट में पहुच गयी हैं जिनको हम ईबुक यानी इलेट्रॉनिक बुक बोलते हैं। मुख्यतः लेखक ईबुक लिखकर किसी बड़े प्लेटफार्म अमेज़न किंडल, गूगल प्लेबुक , shabd.in , instamojoपर लिस्ट कर देते हैं । पर सिर्फ इतने से अच्छी मार्केटिंग नही हो पाती उसके साथ साथ लेखकों को अपनी ओर से भी अपनी ईबुक की मार्केटिंग करनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा बुक सेल हो सके।


तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीके जिनसे आप अपनी ईबुक को ज्यादा से ज्यादा सेल कर पाएंगे ।

इसको हम दो भागों में बाटेंगे

A :-पेड मार्केटिंग

B:-फ्री मार्केटिंग


पेड मार्केटिंग

1 :- डिजिटल मार्केटिंग एजेंसीस द्वारा




आज के समय पर डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़े हब फेसबुक और गूगल हैं आप इनमे ads चलवा कर अपनी ई बुक का प्रमोशन कर सकते है। गूगल और फेसबुक पेड ऐड चलाते हैं जो एक टारगेट ऑडियन्स बेस होता है और यह काफी फायदेमंद होता है।


2:- खुद की वेबसाइट बनाकर


आज के दौर में अपनी वेबसाइट बनाना बहुत आसान है आप अपनी वेबसाइट में पेमेंट ट्रांसफर की सुविधा जोड़कर ईबुक की मार्केटिंग कर सकते है। पर इसमे यह ध्यान रखें आपकी वेबसाईट सिक्योर हो और पेमेंट ट्रांसफर सिस्टम आसान और अच्छा वर्क करें।



फ्री मार्केटिंग


3 :- ब्लॉग बनाकर




हर व्यक्ति आजकल अपना ब्लॉग बनाता उसमे से लेखक और पाठक वर्ग विशेष तौर से ।इसकी सबसे बडी विशेषता यह है कि इसमे आपको सिर्फ टारगेट ऑडिएंस मिलेगी। आप ब्लॉग के माध्यम से अपनी बुक का प्रमोशन कर सकते हैं

4 :- सोशल मीडिया द्वारा


सोशल मीडिया आजकल के जीवन की ऑक्सीजन है फेसबुक, ट्विटर , Quoraऐसे प्लेटफार्म हैं जहां आपको भारी संख्या में साहित्य प्रेमी और उनसे जुड़े ग्रुप्स मिलेंगे । जहां हम अपनी ईबुक को प्रोमोट कर सकते है।



5 :- वीडियो प्रोमोशन के द्वारा





यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे एप्पलीकेशन पर आप आराम से अपनी ईबुक का एक प्रोमोशन वीडियो बनाकर प्रोमोट कर सकते हैं यह काफी कारगर होता है।

इस प्रकार आप अपनी ईबुक की मार्केटिंग कर सकते है।

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

हिंदी के टॉप 5 लिस्टिंग प्लेटफार्म

दोस्तों आजकल किताब छपवाना जितना आसान है उसको बेचना उतना ही मुश्किल है ऐसे में किताबों की लिस्टिंग करना अति आवश्यक हो जाता है लिस्टिंग का तात्पर्य आपकी किताब छपी कहीं से भी हो पर बिकने के लिए लिस्ट किए प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी।



आइये जानते हैं कुछ बेहतरीन लिस्टिंग प्लेटफार्म



1 अमेजन किंडल :-


 



अमेज़न इस मार्केट का सबसे बड़ा प्लेटफार्म हैं यहां पर आप किताब उनके यूपीसी कोड के द्वारा लिस्ट कर लेते हैं यूज़र सख्या बहुत अधिक होने से किताबों की बिक्री भी बढ़ जाती है।



2 shabd.in :-


Shabd.in उन चुनिदा भारतीय प्लेटफॉर्म्स में है जो लिस्टिंग करते हैं और यहां लेखक अपनी दूसरे प्रकाशकों से प्रकाशित किताबें लिस्ट कर सकते हैं। और हिंदी बेस्ट राइटिंग प्लेटफार्म होने के कारण यहां आराम से बिक्री हो जाती है।



3 फ्लिप्कार्ट :-





फ्लिप्कार्ट कामर्शियल लिस्टिंग का बड़ा प्लेटफार्म है पर बात अगर साहित्यिक लिस्टिंग या लिस्ट की गई किताबों की करे तो यहां सेल काफी कम हो जाती है।इसलिए लोग अमेज़न और shabd.in ज्यादा प्रेफर करते है।


4 आईबुक :-


यह ईबुक लिस्टिंग के लिए एप्पल का प्लेटफार्म है जहां आप अपनी ईबुक लिस्ट कर सकते हैं पर यहाँ आप पेपरबैक किताबें लिस्ट नही कर सकते हैं।



5 बर्न्स & नोबल प्रेस :-



पहले नोबल प्रेस को नुक प्रेस के नाम से जाना जाता था लिस्टिंग के लिए प्रयोग किया जाने वाला बेहतरीन प्लेटफार्म है।


ये हिंदी बुक्स के कुछ बेहतरीन लिस्टिंग प्लेटफॉर्म हैं जिनमे आप अमेज़न फ्लिप्कार्ट और shabd.in पर दूसरे प्रकाशकों से प्रकाशित बुक भी लिस्ट (आईएसबीएन होने पर) कर सकते हैं।

जानिये क्या है प्रयोगवाद, छायावाद, और प्रगतिवाद

इस लेख में हम छायावाद प्रगतिवाद और प्रयोगवाद के बारे में , उनकी विशेषताएं और उनके प्रमुख कवियों के बारे में जानेंगे जिससे आपको तीनों के बारे में जानकारी प्राप्त हो।

1- छायावाद (1918 से 1936)


छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद ने छायावाद की व्याख्या इस प्रकार की हैं

" छायावाद कविता वाणी का वह लावण्य है जो स्वयं मे मोती के पानी जैसी छाया, तरलता और युवती के लज्जा भूषण जैसी श्री से संयुक्त होता है। यह तरल छाया और लज्जा श्री ही छायावाद कवि की वाणी का सौंदर्य है।"

छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई.स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही।

छायावाद हिन्दी साहित्य के आधुनिक चरण मे द्विवेदी युग के पश्चात हिन्दी काव्य की जो धारा विषय वस्तु की दृष्टि से स्वच्छंद प्रेमभावना, पकृति मे मानवीय क्रिया कलापों तथा भाव-व्यापारों के आरोपण और कला की दृष्टि से लाक्षणिकता प्रधान नवीन अभिव्यंजना-पद्धति को लेकर चली, उसे छायावाद कहा गया।

मुख्य विशेषताएं

· नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण

· प्रकृति प्रेम

· राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण

· रहस्यवाद

· स्वच्छन्दतावाद

· कल्पना की प्रधानता

· दार्शनिकता

छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभ

सुमित्रानंदन पंत

जयशंकर प्रसाद

महादेवी वर्मा

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'




2- प्रगतिवाद (1936 से 1943)


प्रगतिवाद विशेष रूप से काॅर्ल मार्क्स की साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित है। मार्क्सवादी विचारधार का समर्थक प्रगतिवादी साहित्यकार आर्थिक विषमता को ही वर्तमान दु:ख एवं अशांति का कारण स्वीकार करता है। आर्थिक विषमता के फलस्वरूप समाज दो वर्गो मे बंटा है- पूँजीपति वर्ग अथवा शोषक वर्ग और दूसरा शोषित वर्ग या सर्वहारा वर्ग। प्रगतिवाद अर्थ, अवसर और संसाधनों के समान वितरण द्वारा ही समाज की उन्नति मे विश्वास रखता हैं। सर्वहार या सामान्य जन की प्राण प्रतिष्ठा के साथ श्रम को गरिमा को प्रतिष्ठित करना और साहित्य मे प्रत्येक समाज के सुख-दुख का यर्थाथ चित्रण प्रस्तुत करना ही प्रगतिवाद का लक्ष्य है।

प्रगतिवादी काव्य की समय सीमा 1936 से 1943 तक मानी जाती है| सबसे पहले रूस में 1934 को सोवियत लेखक संघ की स्थापना की गई थी| यह विश्व का सबसे पहला संगठन था| भारत में प्रगतिवादी काव्य का पहले अधिवेशन 1936 में लखनऊ में हुआ था | इसके अध्यक्ष सभापति प्रेमचंद थे|

प्रगतिवादी काव्य में कवि कविताओं के माध्यम से मानवतावादी को में समानता लाना चाहते थे| वह जाति-पाति, वर्ग-भेद , धर्म से मानव को मुक्त करना चाहते थे| प्रगतिवादी कवि क्रांति में विश्वास रखते थे , वह पूंजीवादी व्यवस्था ,रूढ़ियों तथा शोषण के खिलाफ विद्रोह करते थे|

प्रगतिवादी काव्य की विशेषताएं

· समाजवादी यथार्थवाद/ सामाजिक यथार्थ का चित्रण,

· प्रकृति के प्रति लगाव

· नारी प्रेम

· राष्ट्रीयता

· सांप्रदायिकता का विरोध

· बोधगम्य भाषा (जनता की भाषा में जनता की बातें) व व्यंग्यात्मकता

· मुक्त छंद का प्रयोग (मुक्त छंद का आधार कजरी, लावनी, ठुमरी जैसे लोक गीत)

· मुक्तक काव्य रूप का प्रयोग।

प्रगतिवादी युग के प्रमुख स्तंभ

सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'(विशुद्ध छायावादी)

भगवती चरण वर्मा,

रामेश्वर शुक्ल 'अंचल',

बच्चन की कुछ कविताएं(हालावादी कवि)

माखन लाल चतुर्वेदी

रामधारी सिंह 'दिनकर'


3- प्रयोगवाद(1943 से 1960 ई)


प्रयोगवाद हिन्दी साहित्य की आधुनिकतम विचारधार है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रगतिवाद के जनवादी दृष्टिकोण का विरोध करना है। प्रयोगवाद कवियों ने काव्य के भावपक्ष एवं कलापक्ष दोनों को ही महत्व दिया है। इन्होंने प्रयोग करके नये प्रतीकों, नये उपमानों एवं नवीन बिम्बों का प्रयोग कर काव्य को नवीन छवि प्रदान की है। प्रयोगवादी कवि अपनी मानसिक तुष्टि के लिए कविता की रचना करते थे।

मुख्य विशेषताएं

· नवीन उपमानों का प्रयोग

· प्रेम भावनाओं का खुला चित्रण

· बुद्धिवाद की प्रधानता

· निराशावाद की प्रधानता

· लघुमानव वाद की प्रतिष्ठा

· अहं की प्रधानता

· रूढ़ियों के प्रति विद्रोह

· मुक्त छन्दों का प्रयोग

प्रयोगवाद युग के प्रमुख स्तंभ

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

धर्मवीर भारती

गजानन माधव मुक्तिबोध

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

भारत भूषण अग्रवाल

पृथ्वी दिवस और इसकी शुरुआत?





आज हम आप को पृथ्वी दिवस के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे: पृथ्वी दिवस क्या है?, पृथ्वी दिवस की शुरुवात कब तथा कैसे हुई? पृथ्वी दिवस के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा जिसका उद्देश्य है, पृथ्वी और पर्यावरण को बचाना। अक्सर हम सभी कहते हैं कि ये धरती हमारी माँ है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हम अपनी ही माँ का ध्यान नहीं रख रहे हैं। ध्यान तो छोड़िए, हम तो इसे अपवित्र ही कर रहे हैं, कभी प्रदूषण के माध्यम से, कभी इसके साथ छेड़छाड़ करके। पृथ्वी के महत्व को समझते हुए और इसके संरक्षण के लिए पूरे विश्व के लोगों ने एक दिन का चुनाव किया जिसे अब विश्व पृथ्वी दिवस के नाम से जाना जाता है। 22 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस?





22 अप्रैल को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट कर पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित करना है, ताकि इस ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाली मानव गतिविधियों को कम किया जा सके।

कैसे बनी पृथ्वी दिवस की भूमिका


फिर भी कई लोगों के मन में यह सवाल उठात है आखिर 22 अप्रैल को ही पृथ्वी दिवस के लिए चुना गया. साल 1968 में अमेरिका में पर्यावरण कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें छात्र वैज्ञानिकों के पर्यावरण के मानव स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों के बारे में विचार सुन सकें. इसके बाद दो सालों तक अर्थ डे मनाने के प्रयास चलते रहे और 1970 में पहली बार पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया गया.

किसी आंदोलन से ऊपर है यह दिन




सबसे खास बात यह है कि वर्ल्ड अर्थ डे यानि विश्व पृथ्वी दिवस अब एक उत्सव नही बल्कि आंदोलन से भी आगे निकल चुका है. यह ना तो किसी धर्म का उत्सव है और ना ही किसी राष्ट्र का उत्सव है. वैसे तो इसकी शुरुआत 1970 के दशक से हुई थी लेकिन 1990 के दशक से यह व्यापक रूप लेता गया है.

पृथ्वी दिवस का महत्व





पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि, ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के बारे में पर्यावरणविदों के माध्यम से हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है। जीवन संपदा को बचाने के लिए पर्यावरण को ठीक रखने के बारे में जागरूक रहना आवश्यक है। जनसंख्या की बढ़ोतरी ने प्राकृतिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डाल दिया है। इसलिए इसके संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए पृथ्वी दिवस जैसे कार्यक्रमों का महत्व बढ़ गया है।

बुधवार, 20 अप्रैल 2022

लेखन की शुरुआत के लिए हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म का चुनाव कैसे करें

दोस्तों डिजिटल युग मे और एक साथ कई पाठकों तक पहुचने का बेहतरीन तरीका है हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म । आजकल इनकी बाढ़ सी आ गयी है ऐसे में आपका एक फैसला आपके लेखक कैरियर के उतार और चढ़ाव के बीच का बड़ा कारण बन सकता है। आइये जानते हैं कुछ बातें जो हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म चुनते समय ध्यान देने योग्य है:-

1 प्लेटफार्म की विश्वसनीयता और यूज़र की संख्या :-





प्लेटफार्म कितना विश्वसनीय है यह जानना अतिआवश्यक होता है क्योंकि आप उसमे अपनी पर्सनल जानकारी भी डालते हैं साथ ही साथ यह भी चेक करें कि यूज़र संख्या कितनी है उसमें । कई एप्पलीकेशन इसके गलत आंकड़ें देते हैं इसलिए इनका क्रॉस चेक करना अतिलाभदायक होता है।

2 लेखक को क्या फायदे हैं :-


कई हिंदी प्लेटफॉर्म यूँ तो बहुत फेमस हैं पर उनमे लेखकों को पाठक के अलावा कुछ नही मिलता जरूरी भी नही की वह पाठक संख्या सही दिखाई जा रही हो ऐसे में लेखकों को मिलने वाली रॉयल्टी बहुत मायने रखती है , साथ ही साथ पिछली प्रतियोगिताओं और वर्तमान में चल रही प्रतियोगिताओं का भी एनालिसिस करें।

3 पाठक हर वर्ग के हों :-





हिंदी में कई विधाएं होती है ऐसे में आजकल का ट्रेंड इरोटिक रोमांस का चल रहा है और अधिकतर प्लेटफार्म में इसी विधा को पसन्द किया जाता है तो यह अवश्य चेक करें प्लेटफार्म में हर विधा को पसन्द किया जा रहा है या नही।

4 पेपरबैक प्रकाशन और लिस्टिंग सुविधा प्लेटफार्म पर हो :-

आजकल कई राइटिंग प्लेटफार्म थर्ड पार्टी से पब्लिश करते हैं ऐसे में लागत बहुत ज्यादा हो जाती है और लिस्टिंग ले लिए भी दूसरे प्लेटफार्म पर निर्भर रहना होता है ऐसे में कुछ प्लेटफार्म चुने जो ऐसी सुविधाएं देते हों।

5 प्लेटफार्म यूज़ करने में आसान हो :-





प्लेटफार्म का यूज़र फ्रेंडली होना अत्यन्त आवश्यक है उसमे लॉगिन करना ,हैंग न होना , लिखना आसान होना आदि चीजें शामिल हैं ऐसे में प्लेटफार्म यूज़ करने में आसानी होती है।

तो अगर आप एक नए लेखक हैं तो इन बातों का ध्यान अवश्य दें किसी भी हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म का चुनाव करते समय । वर्तमान समय पर कुछ अच्छे हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म shabd.in , प्रतिलिपी, स्टोरी मिरर, मातृभारती आदि हैं।

सोमवार, 18 अप्रैल 2022

हिंदी साहित्य ब्लॉग में कविता लेखन

ब्लॉगिंग करना आजकल हर युवा का सपना होता है अपने टैलेंट को सबके सामने लाने जा एक बढ़िया जरिया है ब्लॉगिंग। ऐसे में एक साहित्यकार भी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में खुद को पीछे कैसे रख सकता है । साहित्यकार अपने ब्लॉग में कई तरह की विधाओं में रचनाएँ प्रकाशित कर सकते हैं उनमें से कविता लेखन प्रमुख है।

कविता लिखना सबसे आसान काम होता है यदि आप कल्पनाओं की दुनिया जीते हैं तो आप एक बेहतरीन कविता लिख सकते हैं । कल्पना करना हर इंसान के लिए काफी आसान काम होता है।और उसके बल पर वह एक दमदार विषय तैयार करता है जो पाठकों द्वारा काफी पसंद किये जाते हैं।

आइये जानते हैं किस प्रकार एक बेहतरीन कविता लिखें :-

1 एक विषय खोजकर विचारों को नोट करें :-




दोस्तों किसी चीज की शुरुआत करना सबसे कठिन काम होता है उसी प्रकार कविता लेखन के लिए सबसे पहले एक विषय को खोजें जिस पर आप कविता लिखना चाहते हैं और जो पाठकों को पसन्द आये अपने विषय को समायोजित करें और कहीं पर उस विषय से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट कर लें।

2 कल्पनाओं का पूर्ण प्रयोग करें :-

कहा जाता है कविता कल्पना का दूसरा रूप होता है। ऐसा करने से कविता में विविधता आती है और कविता को एक ठोस रूप प्राप्त होता है। ऐसा करने से पाठक आपकी कविता में खो जाएंगे। और आपका कविता लिखना तभी सार्थक हो पायेगा जब स्रोता या पाठक आपकी कविता के शब्दों में खो जाएं।


3 हिंदी अलंकारों का प्रयोग करें :-




कोई चीज और खूबसूरत हो जाती है जब उसको सजा दिया जाता है अलंकार का अर्थ आभूषण होता है जिस प्रकार आभूषण पहनने से स्त्री सुंदर लगती है ठीक उसी प्रकार कविताओं में अलंकार का प्रयोग करने से आपकी कविता भी सुसज्जित हो जाती है और सुनने में श्रोताओं का मन मोह लेती है ।

4 स्वतन्त्र रूप से कविता लिखें


कविता लिखते समय किसी रूढ़िवादी सोच का पालन करना आवश्यक नही है आप अपना तभी सर्वश्रेष्ठ दे पाते हैं जब आप अपनी अंतरात्मा से लिखते हैं न कि किसी की नकल से। शब्दों का प्रयोग इस प्रकार करें की कविता पाठ करते समय की सुर और लय बनें। जो सुनने में मन मोहक लगता है।



5 पाठकों की रुचि का ध्यान रखें




पाठक को क्या पसन्द आएगा आपकी कविता के अंतरा कैसे हैं इस पर निर्भर करता है अतः खुद को पाठक समझकर एक बार पढ़कर देखें आपको कविता कैसी लग रही है । जब तक आंतरिक मन सन्तुष्ट न हो तब तक उसको बेहतर बनाएं।



इस प्रकार आप अपने हिंदी साहित्य ब्लॉग में एक अच्छी कविता को जोड़ सकते हैं।।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

हिंदी ऑनलाइन एप्लीकेशन में चलने वाली कुछ प्रसिद्ध प्रतियोगिताएं

दोस्तों जैसा आप सब जानते हैं आज कल ऑनलाइन हिंदी राइटिंग एप्लीकेशन की बाढ़ सी आ गयी है ऐसे में लेखकों को रिझाने के लिए हर प्लेटफार्म अलग अलग प्रतियोगिताएं आयोजित करते रहते हैं इनमे से shabd.in ,Quora, और प्रतिलिपी पर आयोजित होने वाली कुछ प्रतियोगिताएं बहुत प्रसिद्ध हैं ।

आइये जानते हैं उनके बारे में

पुस्तक लेखन प्रतियोगिता




इस प्रतियोगिता की जन्मदाता shabd.in है अपने पहले संस्करण में ही 2 लाख से अधिक इनाम देकर सनसनी मचाने वाली shabd.in पर अब यह प्रतियोगिता रेगुलर हर माह होती है । जिसके दो भाग है पहली फ्री बुक्स को लेकर दूसरी पेड बुक को लेकर । दोनों में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं क्योंकि इसके परिणाम में विजेता की पुस्तक प्रिंट एडिशन में पब्लिश की जाती है और अमेज़न फ्लिपकार्ट लिस्टिंग भी होती है आईएसबीएन के साथ।


धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता

Shabd.in की तर्ज पर प्रतिलिपी में धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता चलती है जिसमे आपको नियम और शर्तों के साथ धारावाहिक लिखना होता है। नियम और शर्तों के साथ यह प्रतियोगिता काफ़ी लोकप्रिय है और सबसे ज्यादा लोग इसमे हिस्सा लेते है।


 डायरी लेखन प्रतियोगिता




प्रतिलिपी की डायरी लेखन प्रतियोगिता काफी फेमस है । जिसमे काफी ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं ऐसा देखा गया है इसमे महिलाओं सबसे ज्यादा हिस्सा लेती हैं और टॉप 50 लोग पुरस्कृत किये जाते हैं।

प्रतिलिपी के अलावा shabd.in पर भी दैनन्दिनी प्रतियोगिता होती है।


बेस्ट सेलर प्रतियोगिता

यह पेड ईबुक की प्रतियोगिता shabd.in द्वारा आयोजित होती है जिसमे आपको प्रिंट ईबुक का मौका अमेज़न और फ्लिप्कार्ट लिस्टिंग के साथ मिलता है ।

Quora की प्रतियोगिताएं




Quoraके कई ऑफिसियल स्पेसेस में माह में कई बार प्रतियोगिता आयोजित होती रहती हैं जिसमे भाग लेकर एक लेखक ख्याति और सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है। कोरा पर यूज़र बहुत ही ज्यादा हैं जिसके चलते यहां प्रतियोगिता में भाग लेने से प्रसिद्धि बहुत जल्दी मिलती है।



इनके अलावा कई प्लेटफार्म पर प्रतियोगिताएं आयोजित करते रहते हैं पर नियमितता न होने के कारण जानकारी नही मिल पाती है।

बुधवार, 13 अप्रैल 2022

हिंदी राइटिंग एंड पब्लिशिंग एप्लीकेशन से घर बैठे पैसे कमाएं

साथियों हर इंसान अपने गुणों से धन अर्जित करना चाहता है ऐसे में लेखक ही क्यों पीछे रहें बहुत से लेखक ब्लॉगिंग करके पैसे कमाते हैं पर ब्लॉगिंग से एक लेखक की फीलिंग कभी नही आती ।

ऐसे में हिंदी राइटिंग एंड पब्लिशिंग एप्लीकेशन घर बैठे पैसे कमाने के बढ़िया माध्यम हैं। आइये जानते हैं किसी ऑनलाइन हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म से पैसे किस तरह कमा सकते हैं

1 अपनी पेड ईबुक बनाकर




हमेशा ऐसे प्लेटफार्म का चुनाव करें जिनमे पेड ईबुक बनाने की सुविधा हो । ऐसे प्लेटफार्म में आपकी बुक को खरीद कर पढ़ने वालों की संख्या भी अधिक होती है। कुछ पेड ईबुक के प्लेटफार्म अमेज़न किंडल ,गूगल प्ले बुक्स, shabd.in आदि हैं।


2 अपनी बुक को प्रिंट में सेल्फ पब्लिश करके

आजकल कई ऐसे प्लेटफार्म आ गए हैं जो सेल्फ पब्लिकेशन की सुविधा देते हैं इनमे आपको सिर्फ प्रिंट का ऑर्डर देना होता है और आपकी खुद से प्रकाशित ईबुक प्रिंट में भी उपलब्ध हो जाती है । ऐसे में रॉयल्टी परम्परागत पब्लिकेशन से कई गुना ज्यादा मिलती है।


3 दूसरों की रचनाएं पढ़कर





कई प्लेटफार्म ऐसे भी हैं जो पाठकों के लिए कमाई का अच्छा जरिया हैं पर ऐसे में लेखक को उतना फायदा नही मिल पाता। प्रतिलिपी अपने पाठकों को रचना पढ़ने पर कॉइन देती है जिसको बाद में पैसे में बदल सकते हैं ।


4 नए यूज़र रेफर करके

जी हां सही पढा आपने नए यूज़र लाइये पैसे कमाइए ये सुविधा भी कुछ प्लेटफार्म पर है जिसमे आपको एक रेफ़लर कोड मिलता है और उनसे आप पैसे कमा सकते हैं।


5 प्रतियोगिताओं में भाग लेकर




प्रतिलिपि , shabd.in, स्टोरी मिरर, मातृभुमि कई ऐसे ऑनलाइन हिंदी प्लेटफार्म हैं जहां नियमित तौर पर प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं । जिनमे आप भाग लेकर आकर्षक इनाम जीत सकते हैं। वर्तमान में सभी प्लेटफार्म पर चल रही प्रतियोगिताओं के लिए आप उनमे विजिट करें।


इस तरीकों से आप हिंदी राइटिंग एप्लीकेशन से घर बैठे पैसे कमा सकते हैं ।

मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

अच्छे हिंदी ऑनलाइन राइटिंग और पब्लिशिंग एप्प को कैसे चुने

इंटरनेट की 21 वीं सदी में लेखन की दुनिया भी अधूरी नही है और हिंदी ऑनलाइन राइटिंग एप्पलीकेशन की बाढ़ सी आ गयी है इनमे से कुछ पब्लिशिंग भी करते हैं , घर बैठे सारी सुविधाएं ।

पर इतने ज्यादा एप्पलीकेशन ने बेस्ट चुनना भी अपने आप मे एक चुनौती है। आपका काम आसान करेगा यह लेख आइये जानते हैं कैसे :-


1- एप्पलीकेशन पर राइटिंग और पब्लिशिंग दोनों सुविधा हो




आजकल सबके पास समय का अभाव है जिसके चलते लिखना फिर उसको किसी ट्रेडिशनल पब्लिशिंग हाउस के पास ले जाना काफी समय ले लेता है अतः ऐसे प्लेटफार्म चुनें जो हाइब्रिड हो जैसे अमेज़न किंडल, shabd.in,।

2 - यूज़र बेस अच्छा हो


दोस्तो किसी भी ऍप्लिकेशन को जॉइन करने से पहले यह अवश्य जांचे की उनका यूज़र बेस क्या है ? मार्केट वैल्यू क्या है?ऍप्लिकेशन पर अपनी डिटेल फिल करने से पहले उनके नियम शर्तें अवश्य पढ़ें ।


3- पाठक उपलब्ध हों





दोस्तों एक लेखक को तब तक अच्छा नही लगता जब तक उसको ज्यादा से ज्यादा पढा नही जाता अगर आप पैसे नही कमाना चाहते सिर्फ आपको पढा जाए यह चाहते हैं तो आप प्रतिलिपी, मातृभुमी, shabd.in ,स्टोरिमिरर आदि प्लेटफार्म पर फ्री में लिख सकते हैं।

4- ऍप्लिकेशन यूज़ करने में यूज़र फ्रेंडली हो

यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है क्योकि मूल काम यही है कि एप्पलीकेशन यूज़ करने में सही होना चाहिए उनके फॉन्ट टाइपिंग कीबोर्ड, किताबों और लेखों के व्यू अच्छे होने चाहिए ।


5- रॉयल्टी पर ध्यान दें




दोस्तो आजकल हर कोई पैसा कमानाचाहता है फिर लेखक ही क्यों पीछे रहें अमेज़न किंडल ने ऑनलाइन पेड बुक को सर्विसेस शुरू की और अब shabd.in जैसे app इसको बखूबी आगे ले जा रहे हैं। अमेजन 70% shabd 80% की रॉयल्टी आपकी ईबुक की कीमत का देती है।


ये ऐसे बिंदु हैं जो हर लेखक को किसी ऑनलाइन हिंदी राइटिंग एप्पलीकेशन को जॉइन करने से पहले देखनेचाहिए।

भारत मे सेल्फ पब्लिकेशन का क्रेज बढ़ने के 5 महत्वपूर्ण कारण

अपनी बुक के प्रिंट के लिए परम्परागत प्रकाशकों को पूरी जानकारी देता लेखक और चार महीने बाद बुक के रिजेक्ट होने की टीस, कल्पना करिए उस लेखक पर क्या बीतती होगी?

बस परम्परागत प्रकाशकों की इन्हीं मनमानी की प्रतिक्रिया है सेल्फ पब्लिकेशन। जिसने बुक प्रिंटिंग की फील्ड में क्रांति ला दी आइये जानते हैं इसके कुछ फायदे:-

आप अपनी रचना अपने अनुरूप लिख सकते है





परम्परागत प्रकाशक के एडिटर आपकी लिखी कहानी को कई बार उनके अनुरूप बदलवाते थे या किन्हीं चुनिंदा विषय मात्र पर लिखी रचनाओं को महत्वता देते थे स्वप्रकाशन में आप अपने विषय और कंटेंट को लेकर स्वतन्त्र हैं।


रॉयल्टी में इजाफा

परम्परागत प्रकाशक रॉयल्टी के नाम पर आपको नाम मात्र की खाना पूर्ति करते हैं बहुत ज्यादा तो 15 से 20% पर स्वप्रकाशन आने से लेखक को उसकी मेहनत का फल मिलने लगा एक ओर जहां किंडल 70% वहीं shabd.in 80% रॉयल्टी लेखक को उनकी ईबुक के दाम पर देते हैं।

स्वामित्व पर अधिकार





पारंपरिक प्रकाशक कभी-कभी पुनर्मुद्रण, फिल्म रूपांतरण और बिक्री के लिए विशेष अधिकार मांगते हैं। सेल्फ पब्लिशिंग मार्ग कम से कम यह सुनिश्चित करता है कि आप पूर्ण नियंत्रण में रहें।

कम लागत और नए लेखकों को मौका

सेल्फ पब्लिकेशन में लागत अपने आप कम हो जाती है क्योंकि आधे से ज्यादा काम लेखक खुद कर लेता है साथ ही साथ इसमे भेद भाव किसी लेखक के साथ नही होता सबकी बुक प्रिंट होगी। (सिर्फ मैटर पब्लिकली शेयर करने योग्य हो)

ऑनलाइन प्लेटफार्म का विकल्प




सेल्फ पब्लिशिंग आने से ऑनलाइन राइटिंग प्लेटफार्म सोने पर सुहागा का काम करते हैं आपको वहां साथी लेखकों को पढ़ने का मौका भी मिलता है अपनी पुस्तक पर समीक्षा भी और पुस्तक के खरीददार भी वहीं मिल जाते हैं।

इस प्रकार हम देख सकते हैं की सेल्फ पब्लिकेशन ने किस प्रकार परम्परागत प्रकाशन में होनी वाली कमियों को खत्म किया इसलिए भारत मे सेल्फ पब्लिकेशन का क्रेज आज सबसे ज्यादा है।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022

हिंदी ब्लॉग राइटिंग से पैसे कमाने के आसान तरीके

आज कल ब्लॉगिंग एक व्यवसाय बन चुका है और दोस्तों हिंदी ब्लॉग राइटिंग से पैसा कमाना काफी आसान है पर कैसे ? बहुत से लोग ब्लॉग तो लिखते हैं पर आय अर्जित नही कर पाते आखिर कहां कमी रह जाती है? इसके लिए यह आर्टिकल आपकी हेल्प करेगा कि आप हिंदी ब्लॉग राइटिंग से कैसे पैसे कमा सकते हैं।


इसको मुख्यतः 5 भागों में बांट सकते हैं

01 :- विज्ञापन की सहायता से





आप विज्ञापन की जगह खुद बेचने के लिए Google AdSense जैसे विज्ञापन नेटवर्क का भी इस्तेमाल करिये।

आपकी साइट और कॉन्टेंट जितना लोकप्रिय होगा, आप उतनी ज़्यादा कमाई करेंगे। आप उस कारोबार को सीधे अपनी साइट पर विज्ञापन की जगह दे सकते हैं जो आपके कॉन्टेंट के साथ अपना विज्ञापन दिखाना चाहता है। इसके लिए आपको नियमित ब्लॉग पोस्ट करनी होगी प्रयास करें ट्रेंडिंग विषयों पर ब्लॉग पोस्ट करने के लिए ।

02:- डिजिटल प्रोडक्ट सेल करके

आप अपने ब्लॉग में ईकॉमर्स कम्पनी की सहायता से डिजिटल उत्पाद सेल कर सकते हैं इससे आपको अच्छी कमाई हो सकती है। आप किसी भी ईकॉमर्स कम्पनी से अनुबंध कर लें और प्रतिसेल पर कमीशन का कांटेक्ट कर लें अपने ब्लॉग के द्वारा जितनी सेल कर लेंगे उतनी ही कमाई होने लगेगी।

03:- सद्स्यों से नियमित सशुल्क लेकर




सक्रिप्शन की सहायता से आप अपने ब्लॉग पर आने वाले सदस्यों से नियमित शुल्क लेकर पैसे कमा सकते हैं। इस कमाई के ज़्यादा स्थिर और सटीक होने की संभावना होती है। अपने ब्लॉग के सक्रिप्शन के लिए शुल्क निर्धारित करिये। इससे आप नियमित और स्थायी तौर पर कमाई कर सकते हैं।

04:- एफिलिएट मार्केटिंग के द्वारा

बेसिकली यह एक कमीशन बेस मार्केटिंग होती है इसमे आप किसी कम्पनी से बात करके उसके प्रोडक्ट के लिंक अपने ब्लॉग पर लगाते हैं और बिक्री होने पर कम्पनी आपको कमीशन देती है।

05:- ट्रेनर के तौर पर





आपके पास कोई हुनर है तो वह हुनर सीखने के लिए लोग आपके पास अवश्य आते हैं अगर आप एक सफल हिंदी ब्लॉगर हैं तो लोग आपसे सीखने को आएंगे और आप एक ट्रेनर बनकर अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

इस प्रकार आप हिंदी ब्लॉग राइटिंग से काफी आसानी से पैसे कमा सकते हैं

गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

हिंदी ब्लॉग राइटिंग के 5 प्रमुख नुकसान

साथियों आज ब्लॉगिंग करना आम बात हो गयी है फिर वो कुक हो इतिहासकार हो या कोई लेखक सब अपनी नेटिव भाषा मे ब्लॉगिंग करते हैं इनमे से हिंदी ब्लॉग राइटिंग भी बहुत लोग करते हैं|

जहां एक ओर इसके अनेक फायदे हैं वही दूसरी ओर इसके बहुत से नुकसान हैं आइये जानते हैं:-

01:- सीमित पाठक तक पहुच




दोस्तों विश्व मे ज्यादातर हिंदी बोली तो कई जगह जाती है पर सबसे ज्यादा सिर्फ भारत मे लिखी और पढ़ी जाती है जिसकी वजह से हिंदी ब्लॉग राइटिंग से आपके ब्लॉग को भारत से बाहर बहुत नही पढा जाता है। इस वजह से वर्ड वाइड पाठक नही मिल जाते जिस तरह अंग्रेजी में लिखे ब्लॉग को मिलते हैं ।

02:- टारगेट ऑडियंस की समस्या

मानिए आप अपनी हिंदी राइटिंग ब्लॉग पर एक कविता का ब्लॉग बनाते हैं तो वह सबके लिए ओपन होती है ऐसे में कम लोग आपके ब्लॉग में रुचि नही लेते। टारगेट ऑडिएंस खोजना बहुत कठिन काम होता है अतः इससे बचने के लिए लेखक हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म जैसे shabd.in या प्रतिलिपी का सहारा लेते हैं। जहां आपको हिंदी साहित्य से जुड़े हुए ही लोग मिलते हैं चाहे वो लिखते हो या पढ़ते हों ।

03:- गुणवत्ता की कमी





दोस्तों हिंदी ब्लॉग राइटिंग से लोग सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं बस यही बात गुणवत्ता खत्म करती जा रही है आपकी गलती बताने वाले कम लोग ही मिलते है । जबकि ऑनलाइन राइटिंग प्लेटफार्म पर आपको साहित्य के मानकों पर आंका जाता है। अगर वहां आप कुछ व्याकरण सम्बंधित गलती करते हैं तो पाठक आपको तुरन्त कमेंट करके बता देते हैं।

04:- CPC अन्य भाषाओं की तुलना में कम

दोस्तों हिंदी ब्लॉग की CPC अन्य भाषा के ब्लॉग्स की तुलना में प्रायः कम ही होती है । CPC कॉस्ट पर क्लिक को बोलते हैं यह मुख्यतः ऐड के केस में यूज़ होती है।


05:- कम ट्रैफिक मिलना



दोस्तों आपने कभी गूगल में सवाल खोजा हो तो याद होगा आप सवाल खोजने में इंग्लिश कीबोर्ड का ही प्रयोग करते हैं । बस यही कारण है आपको हिंदी ब्लॉग राइटिंग में कम ट्रैफिक मिलता है जबकि अंग्रेजी में बहुत ही ज्यादा।

इन नुकसानों से बचने का उपाय आप हिंदी राइटिंग ब्लॉगिंग की जगह हिंदी राइटिंग प्लेटफार्म का प्रयोग करें आज कल राइटिंग प्लेटफार्म भी अच्छे पैसे कमाने का मौका देते हैं। जिनमे shabd.in आपको 80% की रॉयल्टी देती है।

बुधवार, 6 अप्रैल 2022

अपने हिंदी साहित्य ब्लॉग को ईबुक या पेपरबैक में कैसे प्रकाशित करें

दोस्तों 21वीं सदी एक डिजिटल युग की परिचायक है अब डायरी और कलम की जगह ब्लॉग्स और ईबुक ने ले ली है हर कोई अपने ब्लॉग को बेस्ट हिंदी साहित्य ब्लॉग की श्रेणी में लाना चाहता है और उनमे से कई लोग आज भी उसको पेपरबैक में छपवाना चाहते हैं क्योकि अपनी पुस्तक को हाथ मे लेकर पढ़ने में अलग ही आनंद आता है। बहुत से लोग इसको सिर्फ ईबुक के रूप में ही प्रकाशित करना चाहते हैं ।

तो आइए जानते हैं आप अपने बेस्ट हिंदी साहित्य ब्लॉग से ईबुक या पेपरबैक बुक कैसे बना सकते हैं।

01:- एक तरह के ब्लॉग्स को चुनें



आप अपने सभी ब्लॉग्स में से एक तरह के ब्लॉग को (जो एक ही शैली में लिखे हो) एक साथ कर लें। उसके बाद उनका संकलन करें । उन सभी ब्लॉग्स को चैप्टर वाइज अरेंज कर लें । और चाहें तो ड्राफ्ट भी कर सकते हैं।


02:- रूपरेखा तैयार करें

सभी एक समान ब्लॉग्स को संकलित करने के बाद किताब की रूपरेखा तैयार करें कि आपको एक ब्लॉग पोस्ट में कितने शब्द रखने हैं किताब कितने शब्दों की रखनी है उस हिसाब से उसमे कितने ब्लॉग पोस्ट लगेंगी। इत्यादि। ऐसा करने से बुक के सभी अध्याय समान रूप से आते हैं जो कि बुक के पेपरबैक या ईबुक के रूप में प्रकाशित होने के बाद काफी अच्छा लगता है।

03:- कुछ ताज़ा सामग्री जोड़ें



यदि आपके पास पर्याप्त पुरानी सामग्री है, तो भी अच्छा होगा यदि आप अपनी पुस्तक के लिए कुछ नई सामग्री लिख सकें। नई सामग्री एक पर्याप्त परिचय और निष्कर्ष या सारांश के रूप में भी हो सकती है। सारांश,बुक कवर और शीर्षक आपकी किताब का मार्केटिंग ब्रांड होता है ये तीनों जितने रोचक होंगे पाठक आपकी पुस्तक में उतनी ही ज्यादा रुचि लेंगे।

04:- ईबुक के रूप में प्रकाशित करें

अगर आप ईबुक के रुप में किसी प्लेटफार्म पर छपवाना चाहते हैं तो उसको आप खुद से प्रूफरीडिंग करें ताकि कोई अशुद्धि न हो और एक पेड ईबुक के रूप में प्रकाशित करें कुछ प्रमुख प्लेटफार्म किंडल और shabd.in हैं जो एक बड़ा लेखक वर्ग रखते हैं और क्रमशः 70% और 80% कि रॉयल्टी भी देते है । आप किसी भी प्लेटफार्म पर जाएं तो फ्री कंटेट न प्रकाशित करें और प्रकाशन से पहले वहां की नियम और शर्तों को विधिवत पढ़े तभी एक्सेप्ट करें ।


05:- अगर पेपरबैक चाहते हैं तो



१- यहां से आपके पास दो विकल्प हो जाते हैं या तो आप ईबुक को ही सेल्फ पब्लिशिंग प्लेटफार्म जैसे shabd.in से उसके पेपरबैक वर्जन की रिक्वेस्ट कर दें। आजकल सेल्फ पब्लिकेशन का काफी प्रचलन है क्योंकि परम्परागत पब्लिशिंग हाउस अपनी मर्जी की किताब ही प्रकाशित करते हैं।

२- अपनी संकलित ब्लॉगबुक को पांडुलिपि में संकलित करें और किसी पब्लिशिंग हाउस के पास भेजें। वो उसकी प्रूफ रीड करेंगे और किताब को पेपरबैक के लिए प्रेसित करेंगे। वैसे इसका चलन आजकल कम ही होता जा रहा है।

इस प्रकार आप अपने प्रसिद्ध हिंदी साहित्य ब्लॉग को ईबुक या पेपरबैक में आसानी से प्रकाशित करवा सकते हैं।

मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

ईबुक की प्रूफरीडिंग के कुछआसान तरीके

दोस्तों किताब लिखना जितना आसान होता है उससे कहीं कठिन उसमे हुई गलतियों को दूर करना होता है कुछ प्रकाशक इसके लिए काफी ज्यादा पैसे चार्ज करते हैं तो कुछ जैसे shabd.in काफी कम पैसे।

पर कोई भी प्रकाशक सिर्फ पेपरबैक बुक की ही प्रूफ रीडिंग करते हैं ऐसे में ईबुक के लिए प्रूफ रीडिंग के लिए क्या करें ? आइये जानते हैं :-

01:- साथी लेखकों की सहायता से

    



दोस्तों सभी प्लेटफार्म पर लिखें शेयर का विकल्प होता है अतः आप अपनी बुक/ लेख को उसी प्लेटफार्म के साथी लेखकों के साथ शेयर करें और उनसे त्रुटियाँ बताने का निवेदन भी करें। क्योकि अपने द्वारा की गई छोटी सी त्रुटि बार बार पकड़ में भी नही आती वही गलती दूसरा व्यक्ति तुरंत पकड़ लेता है। प्रयास करें ऐसे दोस्तों की राय जरूर लें जो एक आलोचक हों।

02:- जिस प्रकार की किताब हो उनके एक्सपर्ट की सहायता लें

इसका ध्यान अवश्य दें आपकी बुक जिस फील्ड की हो उस फील्ड के एक्सपर्ट्स से एक राय अवश्य लें या आपको उस फील्ड की पूरी जानकारी हो ताकि किताब में कुछ गलत जानकारी न हो। क्योकि किताब में एक गलत जानकारी आपकी पूरी मेहनत पर पानी फेर देती है। इसलिए जो भी लिखें उसको जांचने और परखने के बाद ही लिखें।

03:- सोशल मीडिया की सहायता लें




आज कल की हर समस्या का हल सोशल मीडिया में मिल जाता है । दोस्तों सोशल मीडिया में आपको किताब पढने के शौकीन लोगो के कई समूह मिलते हैं उनसे आप अपनी ईबुक शेयर करिये और गलतियां बताने का निवेदन करिये यह एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। सोशल मीडिया प्रूफ रीडिंग करवाने का बेहतरीन माध्यम है।

04:- सही ईबुक राइटिंग प्लेटफार्म का चयन

दोस्तों प्लेटफार्म ऐसा चुनना चाहिए जहां आप अपनी बात आसानी से रख सकें और साथी लेखकों से सम्पर्क भी हो सकते ऐसी कुछ सुविधा देता है shabd.in के व्हाट्सएप ग्रुप जहां न सिर्फ आप अपनी ईबुक की प्रूफ रीडिंग पा लेते हैं साथ ही साथ प्लेटफार्म पर चल रही गतिविधियों से तुरन्त रूबरू हो जाते हैं।

05:- एक एडिटर की सहायता लें




यह बिंदु आपके लिए खर्चीला हो सकता है पर जिस तरह आप पेपरबैक बुक की प्रूफरीडिंग एडिटर से कराते हैं उसी प्रकार आप ईबुक के लिए एक एडिटर हायर कर सकते हैं पर इसके लिए आपको पैसे खर्च करने होंगे।

06:- खुद से किताब कई बार पढे

आप खुद अपनी ईबुक के लिए एक प्रूफ रीडर बन सकते हैं पर आपको अपनी किताब को कहानी के लिए न पढ़कर हिंदी व्याकरण के शिक्षक की तरह पढ़नी होगी । ताकि उसमे हुई अशुद्धियों को दूर किया जा सके।

इन बिंदुओं की सहायता से आप अपनी ईबुक की भी प्रूफ रीडिंग करा सकते हैं जो सुविधा आज तक किसी भो प्रकाशन हाउस या एप्पलीकेशन में नही है।

मदर्स डे पर कुछ विचार

मातृ दिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। एक बच्चे की परवरिश करने में माताओं द्वारा सहन की जाने वाली कठिनाइयों के लिए आभार व...