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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

हिंदी साहित्य की अनुवाद विधा और उसमे आने वाली समस्याएं

अनुवाद हिंदी साहित्य की विधाओं में एक प्रमुख और काफी कठिन विधा है ।

क्या है अनुवाद :-

सामान्यतः एक भाषा में लिखी जानकारी को दूसरी भाषा मे सार्थक परिवर्तन अनुवाद कहलाता है। अनुवाद अनु और वाद दो शब्दों से बना है जिसका अर्थ है किसी कथन को पुनः कहना।

अनुवादक





इस कार्य को करने वाले को अनुवादक कहते हैं। अनुवादक एक व्यक्ति या एक मशीन भी हो सकती है पर अच्छा अनुवादक एक व्यक्ति ही हो सकता क्योंकि मशीन भावनात्मक अनुवाद नही कर सकती।



एक अच्छा अनुवादक बनने के लिए निन्म गुणों का होना अतिआवश्यक है

1 मूल भाषा से जिस भाषा मे अनुवाद होना हो दोनों की अच्छी जानकारी होना अतिआवश्यक है।

2 अनुवादित विषय के बारे में जानकारी होना अतिआवश्यक है।

कठिनाइयां





अनुवाद का कार्य देखने या सुनने में भले आसान लगता हो पर वास्तविकता में यह बहुत कठिन है । एक छोटी सी चूक अर्थ को अनर्थ कर देती है

1 आज कल मशीन द्वारा अनुवाद किया जा रहा जो भावनाओ को दूसरी भाषा मे व्यक्त नही कर सकती है

2 किसी भी एक भाषा (जिसमे साहित्य हो और जिसमे अनुवाद होना हो) का कम ज्ञान होने पर अनुवादक मूल अर्थ से भटक जाता है ।

3 जिस विषय का अनुवाद होना है उसकी कम जानकारी अच्छे शब्दों के चयन से वंचित कर देती है।



रामायण और महाभारत ऐसे ग्रंथ हैं जिसका सबसे ज्यादा अनुवाद किया गया है।

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