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मंगलवार, 15 मार्च 2022

ई बुक के कुछ ऐसे फायदे जो आपने सोचे नही होंगे

आज कल प्रधानमंत्री मोदीजी की डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में हर भारतीय एक जुट है फिर लेखक पीछे क्यों रहें ? लेखक और बुद्धिजीवी वर्ग इस समय ईबुक पर अपना विश्वास दिखा रहे हैं क्योंकि इसके परोक्ष और अपरोक्ष रूप से कई फायदे हैं।

ईबुक एक ऐसी बुक है जिसे हम कम्प्यूटर या मोबाइल में पढ़ते हैं आइये जानते हैं इसके फायदे ।

कम निवेश ज्यादा फायदा :-




एक पेपरबैक पुस्तक छपवाने का खर्च 10000 से 50000 तक का आता है और इतना बड़ा खर्च वहन करना सबके बस की बात नही है वहीं दूसरी तरफ एक ईबुक लिखने में उतना ही खर्चा आता है जितना आप उसके दाम रखेंगे फायदा कितना होगा ये आप सोच भी नही सकते । किंडल में प्रतिसेल 70-75% तक कि रॉयल्टी तो shabd.in 80% तक कि रॉयल्टी मिलती है। मतलब अगर आप अपनी ईबुक 50 रुपये की बना रहे तो आपकी लागत तो 50 रुपये ही लगी और एक कॉपी बिकने पर shabd.in रॉयल्टी के हिसाब से 40 रुपये आपको विक्रय मूल्य के मिल जाते हैं।

कुछ लेखकों तक सीमित पद्धति का अंत :-

पहले प्रकाशक कुछ नामी लेखकों की ही किताब छापते थे ऐसे में प्रतिभाशील नए लेखकों के साथ अन्याय होता था। उनकी बुक का कंटेट बिना पढ़े ही नाम के आधार पर रिजेक्ट हो जाता था या काफी लंबे समय तक वेटिंग में चला जाता था अब ईबुक के आने से इस पद्धति का खात्मा हो गया । अब सब बराबर हैं। कोई भी पहचान की आवश्यकता नही है आपकी लेखनी में दम है तो आपको पढ़ने वाले आसानी से मिलेंगे और जल्द से जल्द आप फेमस हो जाएंगे।

ज्यादा समय तक याद रहती है ईबुक :-




आपने जब पढाई की होगी तो जब आपको किताब से याद करना होता था तो वह काफी कठिन लगता था पर टीवी या कम्प्यूटर पर देखी गयी चीज आपके माइंड में जल्दी सेव हो जाती थी एक सर्वे के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में देखी गयी या पढ़ी गयी पुस्तक ज्यादा देर तक याद रहती है। आप एक ईबुक और एक पेपरबैक बुक पढेंगे तो ईबुक ज्यादा समय तक याद रहेगी ।


मोबाइल में ही पूरी लाइब्रेरी तैयार :-

लाइब्रेरी बनाना हर किताब प्रेमी का सपना होता है और पुराने समय पर लोग रेलवे स्टेशन पर किताब पढ़ने जाते थे । या बुक स्टाल और स्कूल की लाइब्रेरी जाते थे परंतु अब आपको किताबें पढ़ने के लिए न तो किसी लाइब्रेरी का सदस्य बनना है न ही किताब को कैरी करना है आपके मोबाइल में ही ईबुक डाउन लोड हो जाती है । कभी भी कहीं भी पढिये। अपने गूगल ड्राइव में आप इसको स्टोर कर लेते हैं और कभी भी कहीं भी पढ़ सकते हैं।

खरीदने में भी सस्ता:-




जब लागत कम होगी तो विक्रय मूल्य भी कम ही होगा इसमें ज्यादा सोचना भी नही की ईबुक सस्ती ही होगी क्योकि न इसमे प्रिटिंग प्रकाशक शामिल हैं न ही डिलेवरी चार्ज। इसलिए दुनिया मे सबसे सस्ती पुस्तक ईबुक ही होती है।


आमजनमानस तक पहुच:-

21 वीं सदी टेक्नोलॉजी सदी है और आजकल मोबाइल और इंटरनेट सबके पास है तो आपकी किताब विश्व के हर कोने तक पहुच जाती है अगर यह ईबुक है तो कल्पना करिए अगर यह पेपरबैक होती तो ?आपकी किताब उस जिले में भी पूरी तरह नही पहुच पाती जहां उसका प्रकाशन हुआ होता और पहुँचती भी तो उसका खर्च बहुत आ जाता।

ऑनलाइन राइटिंग प्लेटफॉर्म के जरिये नए लेखकों से पहचान:-




ईबुक लिखने के लिए कुछ प्लेटफार्म फेमस है जैसे किंडल, गूगल प्ले बुक्स, shabd.in ,प्रतिलिपी यहां आपको अपनी किताब लिखने के साथ साथ तरह तरह के विचारों के लेखकों को पढ़ने समझने और बात करने का मौका मिलता है। इसमे से किंडल और shabd.in पेड ईबुक के लिए फेमस हैं तो वही गूगल प्ले बुक्स और प्रतिलिपी फ्री ईबुक के लिए प्रसिद्ध हैं।

ईबुक के ये कुछ ऐसे फायदे हैं जिनके बारे में कोई ज्यादा सोचता नही है तो देर किस बात की करिये आत्मनिर्भर और डिजिटल भारत की मुहिम में सहयोग और शुरू करिये ईबुक लिखना ।

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