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शुक्रवार, 4 मार्च 2022

सेल्फ पब्लिकेशन के नुकसानों से कैसे बचें

दोस्तों आजकल सेल्फ पब्लिकेशन की हर कोई भाग रहा है और ये काफी फ़ायदेमंद भी है पर इसमे कुछ कठिनाइयाँ भी आती हैं अतः इसकी कठिनाइयाँ जानकर उनसे बचना आवश्यक है आइये जानते हैं स्वप्रकाशन में आने वाली कठिनाइयां और उनसे बचने के उपाय

01:- उच्च लागत की परेशानी


स्व प्रकाशित किताब की कीमत कुछ ज्यादा हो जाती है जबकि प्रकाशक से किताब छपवाना सेल्फ पब्लिकेशन से सस्ता पड़ता है ।

पर अगर आप किसी अच्छे प्लेटफार्म (किंडल,shabd.in) की ओर रुख करें तो यह परेशानी दूर हो जाएगी। क्योकि इन प्लेटफार्म पर किफायती कीमत पर आप अपनी किताब स्वप्रकाशित कर सकते हैं।

02:- पाठकों तक पहुच कम

एक प्रकाशक के पास बड़ा पाठक वर्ग होता है जो उस प्रकाशन से छपी किताबो को पढ़ने में रुचि लेता है पर सेल्फ पब्लिकेशन में आपको खुद से पाठक खोजने होते हैं । अमेजन फ्लिपकार्ट पर लिस्ट करके ये समस्या दूर हो जाती है। क्योकि यहां सभी प्रकार की किताबों की लिस्टिंग होती है चाहे वो प्रकाशक द्वारा छपी हो या स्व प्रकाशित हुई हो।

03:- प्रिंट कॉपी प्राप्त करने में असुविधा


स्वप्रकाशित ईबुक की प्रिंट कॉपी प्राप्त करना पहले काफ़ी कठिन था कोई भी आपकी पुस्तक छापने को राजी नही होता है।

पर अब आप shabd.in प्लेटफॉर्म पर एक क्लिक पर प्रिंट वर्जन अच्छे दामों में पा सकते हैं ।

04:- सहयोगी स्टॉफ की कमी

एक किताब प्रकाशित करने से पहले आपको किताब के कवर के लिए डिजाइन ,एक प्रूफ रीडर की आवश्यकता है। स्वप्रकाशन में अपनी बुक का सभी काम आपको ही करना होता है न कोई प्रूफ रीडर न ही डिजाइनर न सम्पादक । ऐसे में अमेज़न किंडल, shabd.in आपके सहयोगी बनते हैं।

05:- कम बिक्री का अनुमान


स्वप्रकाशित बुक का कोई प्रकाशक प्रमोशन नही करता अतः बिक्री पर असर पड़ता है पर आप एक अच्छे सेल्फ पब्लिकेशन प्लेटफार्म से जुड़कर किताब की बिक्री बढ़ा सकते हैं ।

इस तरह आप स्वप्रकाशन में आने वाली दिक्कतों से आसानी से बच सकते हैं।

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